भारत की ऐसी जगह जहां हिन्दुस्तानियों का भी जाना है बैन |

Hindi News : भारत की ऐसी जगह जहां हिन्दुस्तानियों का भी जाना है बैन |

नॉर्थ सेंटिनल द्वीप भारत का एक ऐसा अनोखा द्वीप है, जिस पर 60 हजार सालों से इंसान रह तो रहे हैं, मगर हम आज तक नहीं जानते कि वे खाते क्या हैं, बोलते क्या हैं और महज 23 वर्ग मील में बसे इस छोटे से द्वीप पर सूनामी, तूफान जैसी आपदाओं के बावजूद खुद को कैसे जिंदा रखे हुए हैं।

साल 2004 में आई सुनामी के वक्त सरकार ने कोस्ट गार्ड के हेलिकॉप्टर को सेंटिनल द्वीप पर भेजा था, ताकि सेंटिनली आदिवासियों की मदद की जा सके, लेकिन आदिवासियों ने हेलिकॉप्टर पर तीर चलाने शुरू कर दिए थे।

अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर से इस आइलैंड की  दूरी मात्र 50 किलोमीटर है। इस आइलैंड की चर्चा भारत से लेकर अमेरिका तक में होती है  क्योंकि यहां के प्रतिबंधित जंगलों में पहुंचे एक अमेरिकी टूरिस्ट John Elon Ciao (27) की यहाँ के आदिवासियों ने तीर मारकर हत्या कर दी थी। यह टूरिस्ट इस आइलैंड के अन्दर गया, यह जानते हुए भी कि इस द्वीप पर रहने वाले आदिवासी किसी भी तरह का संपर्क बनाना नही चाहते है।

यूट्यूब चैनल जियो ब्रदर के एक विडियो के अनुसार, साल 1991 में इन लोगों से पहली बार दोस्ताना संपर्क बना था , जब एक नाव में कई नारियल भरकर आइलैंड के करीब ले जाया गए। तब पहली बार वहां नारियल गिराए गए और स्थानीय लोगों ने उन्हें खुशी-खुशी उठाया था । असल में इस आइलैंड पर नारियल नहीं हैं और यहां के आदिवासी नारियल को बेहद पसंद करते हैं। मगर दोस्ताना संपर्क का यह पहला और आखिरी मौका था। सरकार ने इसके बाद साल 1997 में इनसे संपर्क की कोशिश छोड़ दी और इस जगह पर जाना बैन कर दिया |

क्यों खास है यह द्वीप
– पोर्ट ब्लेयर से 50 किलोमीटर दूर है मौजूद |
-नॉर्थ सेंटिनल द्वीप सिर्फ 23 वर्ग मील में है फैला |
– यहां आदिवासी करीबन 60 हजार सालों से रह रहे हैं |
– इनकी पापुलेशन 100 से भी कम है |
-2011 के सेंसस के अनुसार द्वीप पर सिर्फ 10 घर हैं |
– इन घरो में सिर्फ 15 लोग ही रहते हैं |
– इनकी भाषा, संस्कृति और खान पान के बारे में किसी को कोई जानकारी नहीं है |

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