Hindi News : देश में पहली बार जीपीएस-सक्षम ट्रैकिंग उपकरण से घर में नजरबंद रखें जायेंगे कैदी |
भुवनेश्वर (ओडिशा ): जेलों में कैदियों की संख्या घटाने के लिए ओडिशा सरकार एक बहुत बड़ा कदम उठाने जा रही है। ओडिशा सरकार कैदियों को अब जेलों के बजाय घरों में कैद रखेगी। इसके लिए ओडिशा सरकार जीपीएस-सक्षम ट्रैकिंग उपकरणों का उपयोग करेगी। कैदियों के शरीर पर जीपीएस लगाकर उन पर नज़र रखने वाला ओडिशा पहला राज्य बन जाएगा। इस पहल से जेलों में भीड़ कम होगी, और सरकार का कैदियों पर होने वाला खर्च भी बचेगा। इस तरह की उपकरण का इस्तेमाल अमरीका में हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार इस ट्रैकिंग डिवाइस की लागत 10,000 से 15,000 रुपए के बीच में होती है। इसे कैदी के टखने से जोड़ा जाता हैं। इससे छेड़छाड़ करने पर यह अलर्ट जारी करेगा। डिवाइस को निर्दिष्ट क्षेत्र या परिधि के लिए प्रोग्राम किया जाएगा। अगर कैदी अधिकृत सीमा से बाहर कदम रखेगा तो डिवाइस पुलिस को सतर्क कर देगा। ऐसे कैदी की जमानत रद्द हो जाएगी और उसे फिर जेल भेज दिया जाएगा।
ओडिशा के D.G. (जेल) मनोज कुमार छाबड़ा के अनुसार विचाराधीन कैदियों को विकल्प दिया जाएगा कि वे जेल में रहना चाहते हैं या जमानत पर घर में। जमानत के लिए ट्रैकिंग डिवाइस को अनिवार्य बनाया जा सकता है। डिवाइस को सरकार नहीं खरीदेगी। कैदियों को ही ये डिवाइस खरीदने के लिए कहा जा सकता है। यह तकनीक जेलों में खतरनाक अपराधियों को नियंत्रित करने के लिए भी इस्तेमाल की जाएगी |
मनोज कुमार छाबड़ा जी का कहना है कि इस तकनीक के जरिए छोटे अपराधों के कैदियों को जेल के बजाय उनके घरों में नजरबंद रखा जा सकेगा। हाल ही में गृह मामलों की संसदीय समिति के समक्ष यह निगरानी प्रणाली पेश की गई। ओडिशा की जेलों में करीब 65 फीसदी विचाराधीन कैदी मौजूद हैं।