Om Jai Jagdish Hare दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे

Arti : Om Jai Jagdish Hare दुनियाँ में सबसे ज्यादा लोकप्रिय आरती ओम जय जगदीश हरे निम्नलिखित है इस प्रकार:-

Om Jai Jagdish Hare आरती शुरू करने से पहले इस मंत्र का उच्चारण करें |

How To Read ( इसे कैसे पढ़ें ) : Om Namo Bhagvate Vasudevaye Namah

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः

Om Jai Jagdish Hare : Arti 

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

जो ध्यावे फल पावे,
दुःख बिनसे मन का,
स्वामी दुःख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे,
सुख सम्पति घर आवे,
कष्ट मिटे तन का ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

मात पिता तुम मेरे,
शरण गहूं किसकी,
स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा,
तुम बिन और न दूजा,
आस करूं मैं जिसकी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी,
स्वामी तुम अन्तर्यामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर,
पारब्रह्म परमेश्वर,
तुम सब के स्वामी ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम करुणा के सागर,
तुम पालनकर्ता,
स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख फलकामी,
मैं सेवक तुम स्वामी,
कृपा करो भर्ता॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

तुम हो एक अगोचर,
सबके प्राणपति,
स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय,
किस विधि मिलूं दयामय,
तुमको मैं कुमति ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

दीन-बन्धु दुःख-हर्ता,
ठाकुर तुम मेरे,
स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ,
अपने शरण लगाओ,
द्वार पड़ा तेरे ॥
॥ ॐ जय जगदीश हरे..॥

विषय-विकार मिटाओ,
पाप हरो देवा,
स्वमी पाप(कष्ट) हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ,
सन्तन की सेवा ॥

ॐ जय जगदीश हरे,
स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट,
दास जनों के संकट,
क्षण में दूर करे ॥

om Jai Jagdish Hare

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