चांद पर बिक रही है जमीन, 7 सालों बाद चाँद पर बसेंगे मोहल्ले|

Hindi News : चांद पर बिक रही है जमीन, 7 सालों बाद चाँद पर बसेंगे मोहल्ले|

चांद पर बिक रही है जमीन : आज के समय में लोग ज्यादातर प्रॉपर्टी में ही इन्वेस्ट करना पसंद करते हैं, इस इन्वेस्टमेंट में मुनाफा भी सबसे ज्यादा होता है | लोग अपने खून-पसीने की कमाई को प्रॉपर्टी खरीदने में लगा देते हैं, लेकिन बीते कुछ समय से पृथ्वी पर पॉल्युशन और ग्लोबल वॉर्मिंग की समस्या काफी बढ़ गई है, इसकी वजह से लोग अब पृथ्वी के अलावा भी ऐसे ग्रहों की खोज में दिलचस्पी रखने लगे हैं जहां जीवन पॉसिबल है, कई साइंटिस्ट्स बीते कई सालों से इस खोज में लगे हुए हैं, लेकिन आजतक इसका कोई सटीक जवाब या सॉल्यूशन नहीं मिला है|

हालांकि, अब आपके लिए एक गुड न्यूज आ गई है. अगर आप भी पृथ्वी की जगह किसी और जगह रहने के इच्छुक हैं, वेल्स के एक्सपर्ट्स का दावा है कि अब से सिर्फ सात साल बाद इंसान को चांद पर बसा दिया जाएगा, जी हां, सात साल के अंदर ही चांद पर कॉलोनी बसा दी जाएगी और इंसान वहां रहने लगेंगे, ऐसे में अगर आपको वहां रहना है तो अभी से इसकी प्लानिंग शुरू कर दीजिये|

ब्रिटिश साइंटिस्ट्स अगले सात साल में इंसानों को चांद पर बसाने की तैयारी में लगे हुए है, इसके लिए न्यूक्लियर एनर्जी बनाई जा रही है, जिससे इंसान लंबे समय तक चांद पर रह पाएगा, प्रोफ़ेसर साइमन मिडिलबर्घ के मुताबिक़, बंगौर यूनिवर्सिटी में इन फ्यूल्स को बनाया जा रहा है, इसके जरिए इंसान लंबे समय तक चांद पर रहना आसान होगा, साथ ही जब वहां कॉलोनी बन जायेंगी  तो इंसान भी आराम से वहां बस पाएंगे, इस एक्सपेरिमेंट में जिन न्यूक्लियर पार्टिकल्स का इस्तेमाल हो रहा है, उसे त्रिसोफ्यूल कहते हैं |

फ़ेसर साइमन मिडिलबर्घ का कहना है कि 2030 तक इंसान चांद के मोहल्ले में रहने लग सकते हैं, नासा द्वारा चलाए जा रहे इस प्रोग्राम के रिजल्ट में कुछ साल का समय बचा है, मंगल से ज्यादा स्कोप चांद पर है| इसलिए उन्हें पूरी उम्मीद है कि बस सात साल में वो लोग अपने प्लान को एक्शन में बदल देंगे, न्यूक्लियर फ्यूल बनाने में लगी बंगौर टीम इस मामले में दुनियाभर में सबसे आगे है, वो रोल्स रॉयस, यूके स्पेस एजेंसी, नासा के साथ काम करती है |

कैसे खरीदें चांद पर जमीन

रिपोर्ट के अनुसार Luna Society International और International Lunar Lands Registry ऐसी कंपनी है जो चांद पर जमीन बेचने का दावा करती है | इन कंपनियों के द्वारा 2002 में  हैदराबाद के राजीव बागड़ी और 2006 बेंगलुरू के ललित मोहता ने भी चांद पर प्लॉट खरीदा था, इन लोगों का कहना है की चांद पर आज नहीं तो कल जीवन तो बसना ही है, सुशांत ने चांद पर जमीन इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से खरीदी थी, उनकी यह जमीन चांद के ‘सी ऑफ मसकोवी’ में है |

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