Hindi News : यहाँ बनने जा रहा है दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर, बिना लोहे और सीमेंट के |
दुनिया का सबसे बड़ा जैन मंदिर : भारत देश का अलौकिक पवित्र जैन तीर्थ मप्र के दमोह जिले से 36 किलोमीटर दूर स्थित जैन तीर्थ क्षेत्र कुंडलपुर में बड़े बाबा के मंदिर को भव्यतौर पर बनाया जा रहा है | 500 फीट की ऊंची पहाड़ी पर बन रहे इस मंदिर का शिखर 189 फीट ऊंचा है | कहा जा रहा है की विश्व में नागर शैली में इतनी ऊंचाई वाला मंदिर आज तक नहीं बना है, मंदिर की ड्राइंग डिजाइन अक्षरधाम मंदिर की डिजाइन बनाने वाले सोमपुरा बंधुओं ने तैयार की है |
मंदिर की यह खासियत है कि इसमें न तो लौहे की सरिया का उपयोग किया जा रहा है और न ही सीमेंट का बल्कि इस मन्दिर का निर्माण गुजरात और राजस्थान के लाल-पीले पत्थरों से होना है | एक पत्थर को दूसरे पत्थर से जोडऩे के लिए भी खास तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, मन्दिर की भव्यता देखते ही बनती है | पटेरा की पावन धरती पर बनने जा रहे इस भव्य मंदिर का वर्तमान में जीणोद्धार का कार्य निरतंर कई वर्षों से जारी है जिसकी भव्यता और मन्दिर में 2500 साल पुरानी भगवान ऋषभदेव की मूर्ति शुशोभित है |
189 फीट ऊंचे इस जैन मंदिर के निर्माण पर लगभग 600 करोड़ रुपए ज्यादा खर्च होने हैं, जिसमें से तक़रीबन 400 करोड़ रुपए अब तक खर्च किए जा चुके हैं, पत्थरों से बने इस मंदिर पर दिलवाड़ा और खजुराहो की तर्ज पर शानदार डिजाईन की गई है | कुण्डलपुर नगरी के छोटे बाबा कहे जाने वाले मुनि श्री 108 आचार्य श्री विद्यासागर महाराज आठ भाषाओं के ज्ञाता थे, इस भव्य जैन मंदिर का कार्य पिछले 16 वर्षों से लगातर जारी है | अब तक इस मंदिर में 12 लाख घन मीटर पत्थरों का उपयोग किया जा चुका है | इस मंदिर में मुख्य शिखर, नृत्य मंडप, रंग मंडप सहित अनेक प्रकार के भव्य स्थल का निर्माण हो चुका है | पुरात्तव अधिकारी सुरेंद्र चौरसिया ने जानकारी दी है कि दमोह जिले से 36 किलो दूर पटेरा के नजदीक कुंडलपुर की पावन धरती पर उत्तर भारत की नागर शैली की तर्ज पर बनने जा रहा यह अलौकिक पवित्र जैन मंदिर है, जहां पद्मासन की मुद्रा में 2500 साल पुरानी भगवान ऋषभदेव की प्रतिमा शुशोभित रखी है, जहां की भव्यता देखते ही बनती है |
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